Home

The Largest Health Council System in the Bharat Paramedical Council of Health care (India)
ISO 9001 2008 Certified
(Incorporated Central Government act XXI of 1860, Literary & Scientific Council, Institution act, 1854)
Para Medical Council for Primary Health Care Practice Asper the Judgment of Honble Supreme Court of India
Ministry of HRD, Education Department. Govt. of India Running Council 1998 in Chhattisgarh (India)
All Courses of the Started at The instance of Planning Commission Government of India With object of
Enabling individual Citizen to contribute, in the from of an organized.
Co-operative Effort, to the implem Entation of the
National Development Plan. The constitution and Functioning of Bharat Paramedical council of Health Cure (India) is approved Unanimously by the Indian Parliament (Government of India)

N.O.C.

(1) PMCI NEW DELHI
(2) MCI NEW DELHI
(3) CCIM NEW DELHI
(4) CCH NEW DELHI

WELCOME TO (B.P.C.O.H.C.) Council (India)

एक तरफ हेअल्थ्केयर क्षेत्र में ट्रेड टेक्निशिंयस की जबरदस्त मांग बढ़ रही है| वही दूसरी ओर यह क्षेत्र ऐसे टेक्निशिंयस की कमी से लगातार जूझ रहा है| इसी कमी को पूरा करने तथा अधिक से अधिक युवाओ को हेल्थ केयर के क्षेत्र में कैरियर बनाने का मौका मिल पाए| इस उद्देश्य से (B.P.C.O.H.C.)इंडिया इस कोर्स को चला रहे है|

पाठ्यक्रमों (स्व रोजगार शिक्षा टेक्नीशियन योजना के तहत )
को विनियमित करने के लिए गठित किया गया है| भारत में साक्षरता को उत्थान के लिए शिक्षित लड़को, लड़कियों, पुरुषो और महिलाओ को शिक्षित करने के लिए शैक्षिक विशेषज्ञों की मदद से ताकि वे प्रभावी ढंग से और गरिमा के साथ समाज की सेवा कर सके कौंसिल अंतर्राष्ट्रीय तकनीक के साथ शिक्षा ओर नैतिक, मानसिक, शारीरिक और समाजिक रूप से व्यक्तित्व पर जोर दे सकता है|

पैरामेडिकल की भारतीय परिषद् के बारे में भारत के स्वास्थ्य सेक्टर प्रत्येक और हर स्तर पर पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रमुख संकट का सामना कर रहा है और राज्य सरकार के पास भी पर्याप्त सहायक नहीं है और काम करने के लिए पर्याप्त सहायक नहीं है |
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में १९०० नागरिकों के लिए एक डॉक्टर है और २५ लाख से अधिक पैरामेडिकल पेशवरो की आवश्कयता है और ६५ लाख से २०१६ तक और ९४ लाख तक |

योजना आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग १५ लाख नर्सों की कमी है और बड़ी संख्या में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है | रिपोर्ट के अनुसार एक आदर्श नर्स-मरीज-अनुपात १.८ है, लेकिन वर्तमान में जनरल वार्ड में अनुपात १.१५ और अन्य मरीजों में १.७५ है| इस सन्दर्भ में भारतीय उद्द्योग संघ (स.आई. आई. ) ने भारत सरकार से सलाह दी है की सर्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल इस गैप को पुल क्र सकते है| इस मामले की गंभीरता पैरामेडिकल पाठयक्रम के उम्मीदवारों के लिए महान अवसर के रूप में ली जा सकती है|

यह शिक्षा का वैश्वीकरण का समय है| भारतीय सरकार ने पश्चिमी देशो के पैटर्न पर शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने और गैर सरकारी संगठन को बढ़ावा देने के लिए आगे भी आने के लिए अस्पताल की नौकरी के उन्मुख पाठयक्रम और प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यता लो पूरा किया| इस प्रकार पैरामेडिकल भारत कौंसिल ने अस्पताल, रोग विज्ञानं और नैदजीक प्रयोगशालाओ, नर्सिंग होम अस्पताल आदि से पैरामेडिकल तकनीशियनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गठित किया है| परिषद का उद्देश्य, आधुनिक और सस्ती शिक्षा प्रदान करने से अंतराल को दूर करना है|

संकट और भारत की आवश्यकता की महसूस करते हुए, पैरामेडिकल भारत कौंसिल छत्तीसगढ़ एवं दिल्ली में एक इकाई के रूप में स्थापित किया है|

भारत पैरामेडिकल कौंसिल ऑफ़ हेल्थ केयर एक इकाई, केंद्रीय एस आर अधिनियम १८६० के तहत पंजीकृत है और साथ ही रजि योजना आयोग (N.E.E.T.I.A.O.O.G) के साथ, सरकार भारत सरकार और HRD मंत्रालय, सरकार द्वारा स्वीकृत भारत के अंतर्गत  C R अधिनियम भारत का गुणवत परिषद “हेल्थ फॉर ऑफ” के आदर्श वाक्य के साथ काम कर रहा है| ऒर N.C.P द्वारा संचालित सभी पाठ्य क्रम स्वय रोजगार है|

Click here to submit Application Form